Sunday, December 31, 2017

निदा फ़ाज़ली: सच्चाई

वो किसी एक मर्द के साथ
ज़ियादा दिन नहीं रह सकती

ये उस की कमज़ोरी नहीं
सच्चाई है
लेकिन जितने दिन वो जिस के साथ रहती है
उस के साथ बेवफ़ाई नहीं करती
उसे लोग भले ही कुछ कहें

मगर
किसी एक घर में
ज़िंदगी भर झूट बोलने से
अलग अलग मकानों में सच्चाइयाँ बिखेरना
ज़ियादा बेहतर है

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